HP Budget Session: जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायक निष्कासित, मंत्री विक्रमादित्य सिंह से जुड़ा मामला सदन में भी गूंजा

HP Budget Session: जयराम ठाकुर समेत बीजेपी के 15 विधायक निष्कासित, मंत्री विक्रमादित्य सिंह से जुड़ा मामला सदन में भी गूंजा

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा,  हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया हैं। यहां पढ़ें पल-पल के अपडेट्स| 

 

अनुराग ठाकुर बोले- प्रदेश में झूठे वादे करके कांग्रेस की सरकार बनी

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा हिमाचल प्रदेश में बड़े और झूठे वादे करके कांग्रेस की सरकार बनी और अब वे वादे पूरे नहीं हुए। आज कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि जहां-जहां इन्होंने वादे किए वहां ये मुकरते नजर आते हैं और इनके विधायक ही इनसे भागते नजर आते हैं। ऐसी क्या मजबूरी थी कि मात्र 14 महीनों में इनके विधायक इनका साथ छोड़ गए। अनुराग ने कहा कि जिनसे अपने परिवार, विधायक, पार्टी न संभले वे दूसरों पर ठिकरा फोड़ रहे हैं। जिनके अपने जिले में दो विधायक छोड़ कर चले गए, उसमें भाजपा क्या कर सकती है? इनके विधायक खुलकर अपनी सरकार के खिलाफ कई बार बोलते थे, क्या वह भी भाजपा करवा रही थी?

इन विधायकों को किया निष्कासित

 नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनकराम, बलवीर वर्मा, त्रिलोक जमवाल, सुरेंद्र शौरी, दीप राज, पूर्ण चंद, इंद्र सिंह गांधी, दलीप सिंह और रणधीर शर्मा समेत 15 भाजपा विधायक सदन की कार्यवाही से निष्कासित किए गए हैं। लेकिन निष्कासित किए जाने के बावजूद भी विधायक सदन में ही बैठे रहे। बाहर नहीं गए।

शिमला के दो और विधायकों से भाजपा ने संपर्क साधा, हर्ष बोले- विक्रमादित्य मुख्यमंत्री बनने के योग्य बताया जा रहा है कि शिमला जिले के दो और विधायकों से भाजपा ने संपर्क साधा है।ये पहले हॉलीलॉज के भी करीबी रहे हैं। वहीं, राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद हर्ष महाजन बुधवार को विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा देकर नैतिकता का परिचय दिया है। मंत्री होते हुए उन्हें सरकार में जलील किया जा रहा था। हर्ष ने कहा कि कांग्रेस में अब मुख्यमंत्री बनने की होड़ मच गई है। हर्ष महाजन ने कहा कि विक्रमादित्य मुख्यमंत्री बनने योग्य हैं। अब ये एक-दूसरे से लड़ कर ही मर जाएंगे।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा

क्रॉस वोटिंग करने वाले छह कांग्रेस विधायक पंचकूला छोड़ अज्ञात स्थान के लिए रवाना

राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट देने वाले छह कांग्रेस विधायक बुधवार को एक हेलिकॉप्टर में सवार होकर किसी अज्ञात स्थान के लिए हरियाणा से रवाना हो गए।  सूत्रों ने बताया कि राजेंद्र राणा और रवि ठाकुर समेत विधायकों ने रात यहां एक होटल में बिताई और सुबह भाजपा शासित हरियाणा के पंचकूला में ताऊ देवी लाल स्टेडियम के लिए रवाना हुए।  राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के बाद विधायक मंगलवार को शिमला से हरियाणा पहुंचे थे। समझा जाता है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर संकट के संकेतों के बीच वे भाजपा के संपर्क में हैं।  विधायक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की कार्यशैली से निराश हैं और उनके प्रतिस्थापन की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सुक्खू ने मंगलवार को उन दावों को खारिज कर दिया था कि पार्टी के कुछ विधायकों का अपहरण कर लिया गया था और उन्होंने पंचकूला की अपनी यात्रा का जिक्र करते हुए कहा था कि वह कहीं भी जा सकते हैं

सदन की कार्यवाही 12: 00 बजे तक स्थगित

संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सदन को इन हालात में चलाया जाना संभव नहीं है। सदन से  हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि उनके साथ धक्कामुक्की की गई। शोर-शराबे और हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12: 00 बजे तक स्थगित कर दी गई है।  कांग्रेस के विधायक भी सदन से बाहर चले गए हैं। भाजपा के विधायक अभी भी सदन के भीतर नारेबाजी कर रहे हैं।

विधानसभा सदन में हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, विनोद कुमार, हंसराज, रणधीर शर्मा, विनोद कुमार समेत 15 विधायक सदन की कार्यवाही से निष्कासित किए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने निष्कासित किए सदस्यों को बाहर जाने के आदेश दिए। विधानसभा अध्यक्ष के मार्शल से धक्कामुक्की के मामले में यह कार्रवाई की गई है। सदन में अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। स्पीकर के मार्शल से धक्कामुक्की करने का मामला। अध्यक्ष ने कहा कि अगर निष्कासित सदस्य बाहर नहीं जाएंगे तो इन्हें मार्शल इन्हें बलपूर्वक निकालेंगे। इसके बाद सदस्य बेल में चले गए सदस्य। नारेबाजी करते रहे।

भावुक होकर रोने लगे विक्रमादित्य सिंह

पत्रकार वार्ता में विक्रमादित्य सिंह भावुक होकर रोने लगे। कहा कि वीरभद्र छह बार सीएम रहे, लेकिन रिज पर उनकी प्रतिमा के लिए जगह नहीं मिली। इससे आहत हूं। कहा कि जनता  से चर्चा के बाद आगामी फैसला लूंगा और कहा कि राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्हें कई बार नीचा दिखाने की कोशिश की गई। हाल ही में घटी शिलान्यास पत्रिकाएं तोड़ने की घटना भी इसी से जुड़ी हुई है।

सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को राज्य विधानसभा परिसर में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने इसका एलान किया। कहा कि  जनता के प्रति मेरी जावाबदेही है। कहा कि एक साल के घटनाक्रम में विधायकों की अनदेखी हुई। आवाज दबाई गई। कहा कि शिलान्यास मामले में मेरे विभाग के अफसरों को नोटिस दिए गए। वह वीरभद्र सिंह के कदमों पर चल रहे हैं। प्रियंका गांधी, खरगे को दो दिन के घटनाक्रम की जानकारी दे दी है और अब हाईकमान को फैसला लेना है।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा, भाजपा के 15 विधायक निष्कासित

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा विधायक दल के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिले और सदन में  बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को एक पत्र सौंप गए कई मुद्दे उठाए गए। पत्र में आरोप लगाया कि मंगलवार को विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के दौरान स्पीकर और सरकार का व्यवहार भेदभावपूर्ण रहा। स्पीकर ने डिवीजन ऑफ वोट से इन्कार किया।  स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के दौरान ध्वनिमत से मांग संख्या 9 को पारित किया गया। इस संबंध में सदन में उठाए गए हाथ नहीं गिने गए। स्पीकर ने जान-बूझकर सदन को अगले दिन के लिए स्थगित किया।  इसके बाद जब नेता प्रतिपक्ष और अन्य भाजपा विधायक स्पीकर से मिलने गए तो उन्होंने चैंबर का दरवाजा बंद कर दिया।  भाजपा विधायकों के साथ मार्शल, सुरक्षाकर्मियों ने धक्कामुक्की की और उन्हें चोटें आईं। भाजपा विधायक दल ने पत्र के जरिये बजट को पारित करते वक्तवोट ऑफ डिवीजन की मांग रखी और इस संबंध में स्पीकर को उचित निर्देश जारी करने को कहा। उधर, भाजपा विधायकों के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुबह 9:30 बजे राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की।

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